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Toggleपरिचय | Pahalgam attack
Pahalgam attack 22 अप्रैल 2025 को, जम्मू और कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम की शांति को एक भयानक आतंकी हमले ने तोड़ दिया। इस हमले में 28 मासूम नागरिकों की जान गई और 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए। यह घटना 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद से कश्मीर में सबसे खतरनाक हमला मानी जा रही है।
Pahalgam Terror Attack
पहलगाम के पास बैसारन वैली में, सात भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक जैसे पर्यटकों पर हमला किया। उनके पास M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियार थे, और उन्होंने बिना किसी भय के गोलियाँ चलाईं, जिससे पूरी जगह में हड़कंप मच गया। गवाहों के मुताबिक, आतंकवादियों ने लोगों से इस्लाम के कुछ मंत्रों को दोहराने के लिए कहा और जो उनका पालन नहीं करते थे, उन्हें मार दिया।
पीड़ित और हताहत | Pahalgam attack
Pahalgam attack | इस हमले में 28 लोगों की जान गई, जिनमें 25 भारतीय पर्यटक, जम्मू और कश्मीर के 2 स्थानीय लोग और एक नेपाली पर्यटक शामिल थे। मौत के शिकार होने वालों में एक 26 साल का इंडियन नेवी अधिकारी और एक इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी भी था। घायल लोग अलग-अलग राज्यों से थे, जैसे गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से। हमले में कुल 50 लोग हताहत हुए पीड़ित और हताहत का मतलब होता है
पीड़ित (Peedit): वो लोग जो किसी घटना से प्रभावित हुए हों — जैसे डर, चोट, मानसिक या आर्थिक नुक़सान झेल रहे हों। जरूरी नहीं कि वो घायल हों या मरे हों, बस घटना से प्रभावित हों।
हताहत (Hatahath): वो लोग जो या तो मारे गए हों या घायल हुए हों।
हमलावर और मकसद
यह हमला रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF) ने किया, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक छोटा सा शाखा है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला कश्मीर वैली में बाहरी लोगों के बसने को लेकर विरोध का हिस्सा था, जो कि लोगों की सोच में बदलाव लाने की कोशिश था।
सरकारी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Pahalgam attack हमले को एक “क्रूर कृत्य” के रूप में निंदा की और कहा कि इसके जिम्मेवारों को जल्दी से सज़ा दिलाई जाएगी। भारत ने कई कदम उठाए, जैसे पाकिस्तान के साथ अपने राजनैतिक संबंधों को कम करना, सिंधु जल संधि को स्थगित करना और कुछ महत्वपूर्ण सीमा पारियों को बंद करना। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की तलाश में एक बड़े ऑपरेशन की शुरुआत की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के साथ अपनी एकता व्यक्त की। अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और चीन के नेताओं ने इस हमले की निंदा की और भारत को अपना पूरा समर्थन दिया। मशहूर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने इस घटना को “निंदनीय” कहा और इसके मानसिक प्रभावों को लेकर अपने दुख का इज़हार किया।
पहल गाम में हमला: हिंदू यात्रियों को निशाना बनाकर आतंकियों ने 28 लोगों की ली जान
बढ़ता तनाव
यह हमला भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में बहुत भारी तनाव ला गया है। पाकिस्तान ने इस हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया, लेकिन जवाब में अपने एयरस्पेस को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया और द्विपक्षीय व्यापार को भी स्थगित कर दिया। दोनों देश आगे चलकर सेना के माध्यम से जवाब देने की धमकी दे रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रश्न उठ रहा है।
कश्मीर पर प्रभाव
इस घटना ने कश्मीर में एक नई परेशानी को जन्म दिया है, जो कि पहले से ही शांति और पर्यटन के लिए जाना जा रहा था। अब यहां के लोगों को कैंसलेशनों का सामना करना पड़ रहा है और सुरक्षा के लिए भी नए कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों को चिंता है कि यह स्थिति फिर से लंबे समय तक असुरक्षित और बेचैन कर देगी।
इस पहलगाम नरसंहार के बाद भारत (UP समेत पूरे देश) के साथ जो देश खुले तौर पर समर्थन में सामने आए, वे निम्नलिखित हैं:
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) हमले की कड़ी निंदा की। भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया।
आतंकवाद के ख़िलाफ़ मिलकर काम करने की बात दोहराई। यूनाइटेड किंगडम (UK) ब्रिटिश सरकार ने इसे एक “जघन्य हमला” बताया।
भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
चीन (China) हमले की निंदा की। क्षेत्र में शांति बनाए रखने का आग्रह किया। भारत के दुख में साथ खड़े होने की बात कही। अन्य देश फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि देशों ने भी आधिकारिक बयानों में हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता ज़ाहिर की।
निष्कर्ष
पहलगाम नरसंहार, कश्मीर में आतंकवाद के खतरे का एक भयानक याद दिलाने वाला उदाहरण है। भारत इस दर्द और आँसुओं के साथ अपनी पहचान को मजबूती से सजग कर रहा है, ताकि इस प्रकार के आतंकी हमलों का सामना करके कश्मीर में शांति को दोबारा से स्थापित किया जा सके।
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