45°C की आग में झुलस रहा उत्तर प्रदेश: मथुरा से झांसी तक लोग बोले – ऐसा नर्क भी नहीं देखा!

उत्तर प्रदेश में इन दिनों आसमान से अंगारे बरस रहे हैं। aaj ki garmi ka tapman  उत्तर प्रदेश के लोगों ने दिन में घर से निकलना ही बंद कर दिया है। ख़ासतौर से मथुरा, झांसी, हमीरपुर, कानपुर, लखनऊ में तो हद ही पार हो चुकी है। तापमान की बात करें तो 45 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है। अस्पतालों में गर्मी के कारण भारी भीड़ हो चुकी है।
मथुरा में हालात सबसे गंभीर हैं। दोपहर में ऐसे लगता है जैसे किसी ने पूरी धरती को तंदूर पर रख दिया हो। गर्मी के कारण सड़कों में भी दरारें पड़ने लगी हैं, बिजली के ट्रांसफार्मर भी ओवरहीट हो रहे हैं और लोग मानसिक तौर पर टूटने लगे हैं।
मथुरा के निवासी रामकुमार यादव, जो कि एक दूधिया हैं, बताते हैं, “सुबह 7 बजे तक दूध घरों में पहुँचा देता हूँ, उसके बाद घर से बाहर निकलना मौत को दावत देने जैसा लगता है। बाइक का हैंडल भी जलता है, हेलमेट में तो मानो कि मैं ज़िंदा ही नहीं बच पाऊंगा।”

aaj ki garmi ka tapman : अस्पतालों में मचा है हाहाकार

इस प्रचंड गर्मी का सबसे बुरा असर पड़ा है बच्चों, बुज़ुर्गों और बाहर काम करने वाले मज़दूरों पर। मथुरा के जिला अस्पताल में एक दिन में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से प्रभावित 40 से ज़्यादा मरीज़ पहुँचे। झांसी और हमीरपुर में हालात इससे भी बुरे हैं, जहां डॉक्टरों को ओवरटाइम ड्यूटी देनी पड़ी है।
एक 9 साल की बच्ची को उसके माता-पिता बेहोशी की हालत में अस्पताल लेकर आए। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को दिन भर पानी नहीं मिला था और उसके शरीर का तापमान 104 फ़ॉरेनहाइट तक पहुँच गया था। इस तरह की घटनाएँ अब आम होती जा रही हैं।
डॉक्टर नीलिमा शर्मा बताती हैं, “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि हीट स्ट्रोक के इतने केस एक साथ सामने आए हों। यह सामान्य मौसम नहीं बल्कि एक आपातकालीन स्थिति है।”

बिजली-पानी ने छोड़ा साथ, बढ़ी मुसीबतें

aaj ki garmi ka tapman dekh kr  तो उम्मीद होती है कि पंखे, कूलर और ए.सी. आराम देंगे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। बिजली की कटौती ने हालात और भी बदतर कर दिए हैं। कानपुर, झांसी और लखनऊ में रोज़ाना 6 से 10 घंटे तक बिजली नहीं रहती। गर्म हवा कमरे में घुस जाती है और कमरे भट्ठी बन जाते हैं।
पानी की कमी ने लोगों को परेशान कर दिया है। हैंडपंप भी सूख पड़े हैं, टैंकर समय पर नहीं आते और आ भी जाते हैं तो उनके पीछे बाल्टी-बाल्टी भीड़ जमा हो जाती है। महिलाएँ घंटों लाइन में खड़ी रहती हैं, कई बार धूप के कारण लोग बेहोश हो जाते हैं।

aaj ki garmi ka tapman

सरकारी अलर्ट और जनता की परेशानी
राज्य सरकार ने सभी ज़िलों को हीटवेव को लेकर एडवाइज़री जारी की है। प्रशासन को अस्पताल में अलग वार्ड बनाने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल के समय बदले जा चुके हैं और दोपहर में सरकारी कार्यक्रमों को रद्द किया जा रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है – क्या इतनी तैयारी काफ़ी है?
कई इलाक़ों में तो अभी तक कोई अधिकारी हालात का जायज़ा लेने भी नहीं पहुँचे हैं। मथुरा के एक गाँव में जब 70 वर्षीय रामदयाल की गर्मी के कारण मौत हो गई, तो परिवार को यह तक नहीं पता था कि शिकायत किससे करें।

आम जनता की दिनचर्या बन चुकी है संघर्ष

aaj ki garmi ka tapman की वजह से लोगों की दिनचर्या बदल चुकी है। जो दुकानें पहले 9 बजे खुलती थीं, अब 6 बजे खोलकर 10 बजे बंद कर दी जाती हैं। खेतों में काम करने वाले मज़दूर सुबह 4 बजे खेतों में पहुँच जाते हैं और 8 बजे लौट आते हैं। गाँवों में तो दोपहर के समय मानो लॉकडाउन लगा हो।

मेरठ में सनसनीखेज वारदात : पत्नी और प्रेमी ने मिलकर पति की हत्या की, रचा सांप के डसने का ड्रामा

झांसी में एक रिक्शावाला कहता है, “कमाई वैसे ही कम हो गई है, ऊपर से गर्मी में सवारी कोई निकलती नहीं है, खाना भी नसीब नहीं होता। और अगर दोपहर में निकलो तो सिर घूम जाता है। लोग अब खाली पानी नहीं, नमक-नींबू का घोल, मट्ठा और नारियल पानी पी रहे हैं। पर जब शरीर में पानी है ही नहीं बचा, तो उपाय से क्या फ़र्क़ भी पड़ा है?”

जान बचाने के लिए लोग छोड़ रहे हैं शहर

मथुरा, झांसी और हमीरपुर के लोग पहाड़ी इलाक़ों में या फिर अपने गाँव जा रहे हैं। स्कूल की छुट्टियों की वजह से परिवारों ने हिल स्टेशन की ओर ज़्यादा ध्यान दिया है। लेकिन जिनके पास पैसे नहीं हैं, वे गर्मी में झुलसने को मजबूर हैं। प्रयागराज से वाराणसी जाने वाली ट्रेन भी फुल है। सबको अब राहत चाहिए – भले ही वह कुछ दिनों के लिए ही सही।

ये चेतावनी है या भविष्य की झलक?
वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर अभी भी हम नहीं जागे, तो अगले 5 सालों में ईस्ट इंडिया भारत में गर्मी 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकती है। जो आज मथुरा में हो रहा है, वह कल दिल्ली में होगा। जो झांसी में हो रहा है, वह परसों जयपुर में होगा। पिछले 10 सालों में भारत का औसत तापमान 2.6 डिग्री बढ़ चुका है। इसके पीछे का कारण पेड़ों की कटाई और शहरीकरण है।

निष्कर्ष: अब भी समय है – वरना देर हो जाएगी

गर्मी अब सिर्फ़ मौसम नहीं, यह एक आपदा है। उत्तर प्रदेश इस समय एक चेतावनी की तरह जल रहा है – आने वाले भविष्य की। यह आग सिर्फ शरीर नहीं झुलसा रही है बल्कि शासन, समाज और सोच – सब कुछ झुलसा रही है। ज़रूरत है कि लोग जागें, सरकार सख़्त क़दम उठाए, और हम सभी पर्यावरण के लिए गंभीर हों। क्योंकि अगर अब नहीं संभले, तो अगली गर्मी में सिर्फ़ पारा नहीं बढ़ेगा, बल्कि मृत शरीरों की संख्या भी बढ़ेगी। यह लू।

Leave a Comment