क्या अरुणाचल भारत का हिस्सा है? | भारत ने चीन को दिया करारा जवाब – अरुणाचल विवाद पर बड़ा बयान

क्या अरुणाचल भारत का हिस्सा है? | भारत ने चीन के नाम बदलने के प्रयासों को क्यों किया अस्वीकार?

14 मई 2025 को, भारत सरकार ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने के प्रयासों को सख्ती से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने कहा, “हमने देखा है कि चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के अपने निरर्थक और हास्यास्पद प्रयासों को जारी रखे हुए है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के प्रयास “अस्वीकार्य” हैं और यह भारत की सुसंगत और सिद्धांत आधारित स्थिति के सीधे विपरीत हैं।

क्या चीन के नाम बदलने के प्रयास भारत की संप्रभुता को चुनौती देते हैं?

चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के नाम बदलने की कोशिश की है. भारत ने हर बार की तरह इस बार भी चीन को करारा जवाब दिया है.

भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने की चीन की कोशिशों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि इस तरह के बेतुके प्रयासों से यह निर्विवाद सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। भारत-चीन के बीच एक तरफ संबंधों में सुधार की कवायद चल रही है।

भारत ने क्यों कहा कि चीन का नामकरण प्रयास अस्वीकार्य है?

चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के कम से कम 27 स्थानों के नामों को मानकीकरण करने का दावा किया है, जिसे वह “ज़ांगनान” या “दक्षिण तिब्बत” कहता है। भारत ने इस कदम को एकतरफा और अस्वीकार्य बताया है, यह दोहराते हुए कि इस तरह की कार्रवाइयाँ वास्तविकता को नहीं बदल सकतीं।

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भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस तरह के क्रिएटिव नामकरण का जमीनी हकीकत पर कोई असर नहीं होगा.

क्या पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध भारत की सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं?

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बाद क्षेत्र में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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