स्थान: कोटा (राजस्थान)
घटना: कोली में चंबल नदी के किनारे
पात्र: पति – महेंद्र मीणा, पत्नी – विमला मीणा
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Toggleमगरमच्छ के मुंह से पति को खींच लाने वाली पत्नी
राजस्थान के कोटा जिले में मगरमच्छ के मुंह से पति को खींच लाने वाली सावित्री एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ लोगों की रूह को झकझोर दिया है, बल्कि पत्नी विमला के साहस को देख हर कोई हैरान रह गया।मगरमच्छ के मुंह से पति को खींच लाने वाली सावित्री-2025 विमला ने अपने पति महेंद्र की जान को बचाने के लिए वह कर दिखाया जो आज के समय में बहुत ही कम देखने को मिलता है। घटना कोली इलाके की है जहाँ चंबल नदी के किनारे महेंद्र मीणा अपने खेत में काम करने के बाद नदी में नहाने गए थे। तभी अचानक एक मगरमच्छ ने उनके पैर को पकड़ लिया और पानी में खींचने लगा। महेंद्र की चीखें सुनकर उनकी पत्नी विमला मीणा तुरंत दौड़ती हुई मौके पर पहुँची और बिना एक पल की देरी किए चंबल के उफनते पानी में कूद गई।
2.मगरमच्छ की आंख में मारी लाठी
विमला ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पास पड़ी लाठी से मगरमच्छ की आंख पर कई बार वार किया, जिससे मगरमच्छ डरकर पीछे हट गया और महेंद्र को छोड़ दिया। इस पूरी घटना में महेंद्र को गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान बच गई।
3.मेरी जान भी चली जाती तो कोई बात नहीं बोली मगरमच्छ के मुंह से पति को खींच लाने वाली पत्नी
पत्नी विमला का कहना है, “अगर मेरे पति को कुछ हो जाता, तो मेरे जीने का कोई मतलब नहीं था। अगर मेरी जान भी चली जाती, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।” ये शब्द उस स्त्री के हैं जो अपने पति के लिए मौत से भिड़ गई और जीत भी गई।
4.डॉक्टर भी रह गए दंग
महेंद्र को अस्पताल लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि अगर 5 मिनट और देर हो जाती, तो शायद उनकी जान नहीं बचती। मगरमच्छ का हमला बहुत खतरनाक था और पैर पर गहरे घाव आए हैं।
5.लोगों की प्रतिक्रिया: मगरमच्छ के मुंह से पति को खींच लाने वाली पत्नी ‘सच्ची सावित्री’
सोशल मीडिया से लेकर गांव और शहरों तक विमला के साहस की सराहना हो रही है। लोगों ने उन्हें ‘सत्यवान की सावित्री’ कहकर संबोधित किया है। कई लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक पत्नी का कर्तव्य नहीं, बल्कि सच्चा प्रेम और निस्वार्थ साहस है।
6.मगरमच्छ के मुंह से पति को खींच लाने वाली पत्नी के लिए प्रशासन से सम्मान की माँग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से विमला को बहादुरी के लिए सम्मानित करने की माँग की है। उनका कहना है कि ऐसे उदाहरण आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं और इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सच्चा प्रेम केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में होता है। विमला मीणा ने अपने साहस और प्रेम से यह दिखा दिया कि एक आम महिला भी असाधारण बन सकती है, जब बात अपनों की जान की हो। यह कहानी केवल चंबल की नहीं, बल्कि पूरे भारत की हर उस नारी की है, जो अपने परिवार के लिए हर जोखिम उठाने को तैयार रहती है।
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