हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत | Hyderabad mein janwaron ki dardnaak halat

हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत | सड़क पर कट रहे हैं पेड़, मारे जा रहे हैं बेज़ुबान

तेजी से विकसित हो रहे शहर में, हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत, जहां एक ओर आधुनिकता की रफ्तार बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर प्रकृति और जानवरों की दुनिया पर गहरा संकट छाया हुआ है। हाल के दिनों में हैदराबाद में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और जानवरों की मौत की खबरें चिंता का विषय बन चुकी हैं।

हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत

पेड़ कटाई: विकास के नाम पर विनाश

हैदराबाद में नए निर्माण परियोजनाओं, सड़क चौड़ीकरण, और शहरी विकास के नाम पर हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। ये पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन नहीं देते, बल्कि वे पक्षियों और छोटे जानवरों का घर भी होते हैं। जब ये पेड़ कटते हैं, तो उनपर निर्भर जीव-जंतु भी बेघर हो जाते हैं।

बेज़ुबान जानवरों की मौतें

सड़कों पर अक्सर गायें, कुत्ते, बंदर और दूसरे जानवर घायल इतनी ज्यादा हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत हुई | कई बार ये जानवर वाहनों की चपेट में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें कोई देखने वाला नहीं होता। कुछ मामलों में ज़हर देकर या मारपीट कर जानवरों को मारा जा रहा है, जो न केवल अमानवीय है बल्कि कानून के खिलाफ भी।

प्रशासन की भूमिका

हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत

हालांकि नगर निगम और पशु कल्याण विभाग ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं। कई जगहों पर न तो जानवरों के लिए चिकित्सा सुविधा है और न ही उनके लिए कोई सुरक्षित आश्रय।

हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत

आम जनता की ज़िम्मेदारी

हैदराबाद में जानवरों की दर्दनाक हालत के हम सभी की ज़िम्मेदारी है। हमें चाहिए कि जब भी पेड़ कटाई या जानवरों के साथ क्रूरता देखी जाए, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें या सामाजिक मंचों पर आवाज़ उठाएं।


निष्कर्ष:
विकास ज़रूरी है, लेकिन उसके साथ-साथ प्रकृति और जीव-जंतुओं की सुरक्षा भी उतनी ही अहम है। अगर हम आज नहीं जागे, तो कल हमारे बच्चों को एक बेरहम और नीरस दुनिया ही मिलेगी। आइए, मिलकर इस क्रूरता के खिलाफ आवाज़ उठाएं और हैदराबाद को एक हराभरा और दयालु शहर बनाएं।

 

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